मंदसौर के इतिहास में पहली बार संघ पति बने बच्चे, एक सौ बीस से अधिक बच्चों ने निकाला खिलचीपुरा तीर्थ तक पैदल संघ

 



मंदसौर के इतिहास में पहली बार संघपति बने बच्चे
120 से अधिक बच्चों ने निकाला खिलचीपुरा तीर्थ तक पैदल संघ
बड़ी संख्या में शामिल हुए समाजजन, बारिश भी नहीं तोड़ पाई बच्चों का हौंसला

मंदसौर। रविवार 3 नवम्बर को मंदसौर के जैन समाज के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी पैदल संघ के संघपति (नेतृत्वकर्ता) बच्चें बने हो। 120 से अधिक संघपति बने बच्चों ने नगर के चैधरी काॅलोनी स्थित रूपचांद आराधना भवन से प्राचीन चमत्कारिक तीर्थ श्री विघ्नहरा पाश्र्वनाथ जैन मंदिर खिलचीपुरा तक पैदल संघ निकाला।
पैदल संघ प्रातः 6.30 बजे निकाला जाना था लेकिन उस समय तेज बारिश हो रही थी वहीं ठंडी हवाएं चल रही थी। लेकिन बच्चों का हौंसला नहीं डगमगाया और बड़ो ने भी बच्चों का पुरा साथ दिया। बच्चों की भक्ति को देख ईश्वर भी उदार हुआ और बारिश बंद हो गई। बारिश थमने के बाद चैधरी काॅलोनी से चल समारोह प्रारंभ हुआ। चल समारोह में आगे जैन ध्वजा चक्र व घोड़े चल रहे थे। जिसके बाद 120 से अधिक संघपति बच्चे एक साथ एक दूसरे का हाथ थामे चल रहे थे। जुलूस में महिला मंडल व बालिका मंडल की सदस्या गरबा नृत्य करती हई शोभा बढ़ा रही थी। चल समारोह में नगर में चातुर्मास हेतु विराजित साधु - साध्वी भी सम्मिलित हुए।  
चल समारोह के पूर्व संघपति बने बच्चों का प्रमुख बहुमान श्री कांतिलाल दीपक कुमार जैन उन्हेल परिवार वालों ने किया। वहीं माला से बहुमान करने का लाभ संतोष जैन तनौड़िया वाला परिवार ने लिया। वहीं सभी संघपति बच्चों को पुरूस्कार कुमठ परिवार पिपलियामंडी वालों की ओर से दिए गए। पैदल संघ के मुख्य लाभार्थी परिवार महेन्द्र चैरडिया परिवार, देवेन्द्र चपरोत परिवार और मनोज जैन परिवार रहे।
संघ का मुख्य आर्कषण यह रहा कि संघ के संघपति बनने के लिए बच्चे सूरत, अहमदाबाद, मुंबई, उदयपुर से मंदसौर आए थे। संघपति में सबसे कम उम्र का संघपति 11 माह का एक बालक भी था।
चल समारोह नगर के मुख्य मार्गो से होता हुआ प्राचीन तीर्थ श्री विघ्नहरा पाश्र्वनाथ जैन मंदिर खिलचीपुरा पर पहुंचा। जहां पर संघमाल और बहुमान के आयोजन के बाद साध्वीयों के व्याख्यान भी हुए। कार्यक्रम  के अंत में श्रीसंघ द्वारा स्वामीवात्सल्य का आयोजन भी रखा गया था। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।

अर्पित डोसी