नारकोटिक्स विभाग की नई अफीम नीति का विरोध जारी ,किसान उतरे सड़कों पर ।
औसत के आधार पर पट्टे जारी करने की मांग, नारकोटिक्स विभाग ने जारी किए हैं मार्फिन के आधार पर किसानों को अफीम लाइसेंस।
मन्दसौर में एक बार फिर किसान केंद्र सरकार की नई अफीम नीति को लेकर सड़क पर उतर आए हैं केंद्र सरकार के नारकोटिक्स विभाग ने जबसे नई अफीम नीति की घोषणा की है तब से किसान लगातार आक्रोशित हो रहे हैं, केंद्र सरकार की नई अफीम नीति को लेकर कांग्रेस पहले ही दो चरणों में आंदोलन कर चुकी है और जो किसानों की मांग है उसी मांग का कांग्रेसी भी समर्थन कर रही है।
नारकोटिक्स विभाग की नई अफीम नीति के अंतर्गत अब किसानों को अफीम में पाई जाने वाली मार्फिन के आधार पर नए पट्टे जारी करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत किसानों को मार्फिन के आधार पर पट्टे जारी किए गए हैं। नई नीति के कारण मन्दसौर नीमच जिले के लगभग 7000 किसानों के अफीम लाइसेंस काट दिए गए हैं, वही नारकोटिक्स विभाग ने अफीम का रकबा भी घटा दिया है, पहले दस आरी के पट्टे किसान को दिए जाते थे अब विभाग ने किसानों को 5 और 6 आरी के पट्टे जारी किए हैं जो कि किसानों के हिसाब से बहुत कम है,किसानों की मांग है कि कम से कम दस आरी का पट्टा दिया जाना चाहिए। किसानों की मांगों को लेकर मन्दसौर में मध्य प्रदेश अफीम किसान संगठन और किसान महासभा ने किसानों का एक धरना प्रदर्शन रखा जिसमें किसान संगठनों ने स्थान का चयन साल 2017 में हुए किसान आंदोलन का केंद्र पिपलिया मंडी रखा।
पिपलिया मंडी में जून 2017 में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की गोली से 6 किसानों की मौत हो गई थी इस बार भी किसानों ने धरना प्रदर्शन खासतौर से अफीम उत्पादक किसान धरने में शामिल हुए थे और किसान संगठनों के कई नेताओं ने इसका नेतृत्व किया। बाद में एक ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एसडीएम मल्हारगढ़ रोशनी पाटीदार को दिया गया जिसमें मांग की गई की अफीम का लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं भारत सरकार राजस्व मंत्रालय नई दिल्ली ने किसानों की भावनाओं के अनुरूप नीति ने बनाते हुए नाम मात्र परिवर्तन करके पुरानी नीति को ही लागू कर दिया है इससे किसानों का बहुत नुकसान हुआ है। अतिवृष्टि से परेशान किसानों को सरकार से बहुत उम्मीद और आशा थी परंतु किसानों को सरकार ने कोई राहत नहीं दी इस वर्ष मार्फिन 4:50 ग्राम को आधार मानकर लाइसेंस जारी किए गए इससे किसानों को लगभग 7000 लाइसेंस कट गए हैं इससे किसानों में भारी आक्रोश और रोष व्याप्त है।
ज्ञापन में यह भी मांग की गई की मार्फिन की अनिवार्यता समाप्त की जावे और किसानों को औसत के आधार पर पट्टे जारी किया जावे सरकार ने रकबा बहुत कम कर दिया है। पांच आरी छह आरी के स्थान पर प्रत्येक किसान को 10- 10 आरी के पट्टे जारी किए जाएं। अफीम नीति निर्धारण में किसानों की सहभागिता सुनिश्चित की जावे और लागत मूल्य के आधार पर अफीम का भाव ₹10000 प्रति किलो निर्धारित किया जाए। संगठन के नेता अमृत राम पाटीदार,योगेंद्र जोशी, बंशी लाल पाटीदार,मोहन सिंह तलावपिपलिया,अर्जुन सिंह सोंधिया आदि ने मांग की है कि प्राकृतिक आपदा, बरसात, शीतलहर ,ओलावृष्टि की नुकसानी पर किसानों को राहत दी जावे और नामांतरण में पौत्र पोत्री को रक्त संबंध से अलग न माना जा वे। वर्ष 2019- 20 में 4:50 ग्राम मार्फिन की अनिवार्यता से कटे पट्टे तुरंत जारी किए जावे। किसान नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार के नाम पर किसानों से अवैध वसूली कर रहे हैं लेकिन किसान अफीम के पट्टे कटने के डर से कहीं भी शिकायत भी नहीं कर सकते। किसान नेताओं ने सांसद सुधीर गुप्ता पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, सुधीर गुप्ता इन दिनों हरियाणा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रचार करने गए हुए हैं।
मालवा में खासतौर से मंदसौर और नीमच जिले में अफीम की खेती किसानों के लिए प्रतिष्ठा का विषय मानी जाती है, किसानों की मुख्य आजीविका का साधन भी अफीम की खेती ही है, अभी हाल ही में मंदसौर और नीमच जिला बाढ़ से काफी प्रभावित हुआ है और किसानों की खरीफ की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। किसानों को उम्मीद थी कि इस बार अफीम का रकबा उन्हें बढ़कर मिलेगा और अफीम की फसल कमाकर वह अपने बाढ़ से हुए नुकसान की पूर्ति कर लेंगे।लेकिन सरकार ने रकबा बढ़ाने की बजाय कम कर दिया और औसत के आधार पर लाइसेंस देने की बजाय मार्फिन के आधार पर पट्टे जारी कर दिए, जिससे किसानों में आक्रोश है और यह आक्रोश कभी भी सरकार के खिलाफ फूट सकता है।
किसान संगठन ने चेतावनी दी कि अगर उनकी समस्या का शीघ्र ही समाधान नहीं किया तो आगामी पांच नवंबर को नारकोटिक्स विभाग के डीएनसी का घेराव किया जाएगा.। अफीम उत्पादक किसानों ने धरना स्थल पिपलिया मंडी रखा था जहां पर पुलिस और किसान आमने-सामने हो गए थे और किसान आंदोलन के दौरान यहां पर पुलिस की गोली लगने से 6 किसानों की मौत हो गई थी इसी कारण प्रशासन ने यहां पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।